देश महान, उँची जिसकी शान वो हिंदुस्तान देश महान, उँची जिसकी शान वो हिंदुस्तान
इसकी माटी से आग ही आग निकलती है। इसकी माटी से आग ही आग निकलती है।
ये बात केवल अगस्त की है त्योहार तो पूरे साल चलते ये बात केवल अगस्त की है त्योहार तो पूरे साल चलते
प्रलय आ रहा किस्तों में है, कही प्रकृति अपना आँचल खींच न ले। प्रलय आ रहा किस्तों में है, कही प्रकृति अपना आँचल खींच न ले।
मेरे देश की धरती पर गंग-जमुन के धारे हैं मिलते। मेरे देश की धरती पर गंग-जमुन के धारे हैं मिलते।
राम कृष्ण की पावन धरती, बहे नर्मदा धार। राम कृष्ण की पावन धरती, बहे नर्मदा धार।